Wednesday, November 28, 2018

tenis elbow

टेनिस खिलाड़ि‍यों को लंबे समय तक रैकेट पकड़कर खेलने और कोहनी की हड्डी व मांसपेशियों पर अतिरिक्‍त दबाव पड़ने के कारण टेनिस एल्‍बो की समस्‍या होती है। यहां टेनिस एल्‍बों के लिए सबसे अच्‍छे घरेलू उपचारों की जानकारी दी गई हैं। लेकिन इसके अलावा उचित निदान और उपचार के लिए अपने डॉक्‍टर से परामर्श करें।
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    प्राकृतिक उपायों से करें टेनिस एल्‍बो के दर्द को दूर

    आमतौर पर यह बीमारी टेनिस खिलाड़ि‍यों को लंबे समय तक रैकेट पकड़कर खेलने और कोहनी की हड्डी व मांसपेशियों पर अतिरिक्‍त दबाव पड़ने के कारण होने वाले नुकसान से होती है। इसलिए इसे टेनिस एल्‍बो कहा जाता है। टेनिस एल्‍बो होने पर कोहनी में दर्द होता है, कभी-कभी यह दर्द असहनीय हो जाता है, संवेदनशीलता के कारण कोहनी और कलाई में सूजन आ सकती है। हाथ उठने में परेशानी होती है, उंगलियां भी इसके कारण प्रभावित हो सकती हैं, कलाई और घुटने के बीच के हिस्‍से में भी दर्द होता है। टेनिस एल्‍बो से बचने के किसी रास्‍ते के बारे में अभी तक जानकारी नहीं है। हालांकि, कुछ घरेलू उपाय अपनाकर इसे बढ़ने से जरूर रोका जा सकता है। इन उपायों को अपनाकर इस बीमारी के असर को कम किया जा सकता है।

    प्राकृतिक उपायों से करें टेनिस एल्‍बो के दर्द को दूर





















































बर्फ की सिकाई


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बर्फ की सिकाई

कोहनी पर बर्फ लगाना दर्द और सूजन को कम करने का सबसे सरल और आसान तरीकों में से एक है। बर्फ इस समस्‍या की प्रगति को रोकने में भी आपकी मदद करता है। बर्फ की बजाय आप जमे हुए मटर बैग का उपयोग भी कर सकते हैं। एक पतले तौलिये में बर्फ के कुछ टुकड़ों को लपेटें। अपनर कोहनी को तकिये और किसी गद्देदार क्षेत्र में आराम से रखें। फिर प्रभावित जगह पर घीरे से तौलिया को रखें। 10 से 15 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें। दर्द दूर होने तक इस उपाय को दिन में कई बार दोहराये। लेकिन एक बात को हमेशा ध्‍यान में रखें कि बर्फ को सीधे त्‍वचा पर न लगाये।
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कंट्रास्ट हाइड्रोथेरेपी यानी ठंडी और गर्म सिकाई

कंट्रास्ट हाइड्रोथेरपी का मतलब है, प्रभावित क्षेत्र में ठंडा और गर्म सेंक करना, कंट्रास्‍ट हाइड्रोथेरेपी टेनिस एल्‍बो के लिए एक और बहुत अच्‍छा उपाय है। गर्म ब्‍लड सर्कुलेशन को बढ़ाने और दर्द को कम करने और ठंडा सेक सूजन को कम करने में मदद करता है। एक पतले तौलिये में गर्म पानी की बोतल लपेटें और दूसरे तौलिये में कुछ बर्फ को लपेटें। फिर लगभग तीन मिनट के लिए प्रभावित अंग पर गर्म सेक करें। अब गर्म सेक को हटाकर एक मिनट के लिए ठंडा सेक को प्रभावित हिस्‍से पर रखें। इस उपाय को 15 से 20 मिनट के लिए करें। राहत पाने के लिए इस उपाय को दिन में एक बार जरूर करें।
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प्राकृतिक दर्द निवारक हल्दी

हल्‍दी में पाया जाने वाला कुरकुमीन नामक तत्‍व, एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट और प्राकृतिक दर्द निवारक दवा के रूप में काम करता है। इसके अलावा, हल्‍दी एंटीऑक्‍सीडेंट का समृद्ध स्रोत होने के कारण फ्री रेडिकल्‍स से लड़ने और उपचार को गति प्रदान करने में मदद करता है। एक कप दूध में आधा चम्‍मच हल्‍दी मिलाकर उसे हल्‍का सा गर्म लें। फिर इसमें थोड़ी सा शहद मिलाकर कुछ हफ्तों के लिए दिन में दो बार पीये।
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दर्द दूर करें अदरक

अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण, टेनिस एल्‍बो के लक्षणों को दूर करने में बहुत मददगार होते हैं। अदरक की जड़ के एक छोटे से टुकड़े को काटकर उसे दो कप पानी में मिलाकर दस मिनट के लिए उबालें। फिर हल्‍का ठंडा होने पर उसमें शहद मिलाये। इस मिश्रण को दिन में तीन बार तब तक पीये जब तक की दर्द दूर न हो जाये। 
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मसाज के फायदे

कैलेंडुला और एवोकैडो ऑयल से दर्द वाले हिस्‍से पर मालिश करना भी टेनिस एल्‍बो का एक और प्रभावी घरेलू उपाय है। कैलेंडुला और एवोकैडो दोनों तरह के तेल सूजन और दर्द से राहत देने में मदद करते हैं। इसके अलावा, मालिश रक्त परिसंचरण में सुधार और दर्द वाली मांसपेशियों को आराम देती है। दर्द के दूर होने तक दिन में दो से तीन बार मालिश करनी चाहिए।
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कैविटी से छुटकारा पाने के उपाय

दांतों में छेद होने को वैज्ञानिक भाषा में दन्त क्षय या कैविटी कहते है। मुंह में मौजूद एसिड के कारण दांतों के इनेमल खोखले होने लगते हैं जिसके कारण कैविटी का निर्माण होता है। मुंह में मौजूद बैक्‍टीरिया (लार, खाद्य कणों एवं अन्य पदार्थों के साथ) दांतों कि सतह पर जमा होने लगते हैं जिसे प्लॉक कहा जाता है। प्‍लॉक में मौजूद बैक्‍टीरिया आपके खाने में मौजूद शुगर एवं कार्बोहाइडेट को अम्ल में परिवर्तित कर देता है इसी अम्ल के कारण दांत खोखले होने लगते हैं, फलत: कैविटी का निर्माण होता है। लेकिन कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर दांतों में मजबूती बनाने के साथ प्राकृतिक रूप से कैविटी से लड़ा जा सकता है।

लौंग

लौंग कैविटी के साथ-साथ किसी भी प्रकार की दांतों से जुडी समस्‍याओं के लिए रामबाण होता है। एंटी-इंफ्लेमेंटरी, एनाल्‍जेसिक और एंटी-बैक्‍ट‍ीरियल गुणों के कारण लौंग दर्द को कम करने और कैविटी को फैलने से रोकता है। समस्‍या होने पर 1/4 चम्‍मच तिल के तेल में 2 से 3 बूंदें लौंग के तेल की मिलाकर लें। इस मिश्रण को रात को सोने से पहले कॉटन बॉल में लेकर प्रभावित दांत में लगाये।   

नमक

नमक में मौजूद एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुणों के कारण यह कैविटी के इलाज के लिए इस्‍तेमाल किया जाता है। यह दर्द और सूजन को कम करने, किसी भी प्रकार के संक्रमण और मुंह में बैक्‍टीरिया की वृद्धि को रोकने में मदद करता है। इसके लिए एक चम्‍मच नमक को गर्म पानी में मिला लें। फिर इस पानी को मुंह में कुल्‍ला करें। समस्‍या के दूर होने तक इस उपाय को दिन में तीन बार करें। इसके अलावा, आधा चम्‍मच नमक, थोड़ा सा सरसों का तेल और नींबू का रस मिलाकर पेस्‍ट बना लें। इस पेस्‍ट से कुछ मिनटों तक मसूड़ों पर मसाज करें। बैक्‍टीरिया को मारने के लिए इस उपाय को कुछ दिन तक दिन में दो बार करें।

ऑयल पुलिंग

ऑयल पुलिंग बहुत ही पुराना नुस्‍खा है जो कैविटी को कम करने के साथ-साथ मसूढ़ों से खून बहना और सांस की बदबू को भी दूर करता है। साथ ही यह दंत समस्याओं के विभिन्न प्रकारों के लिए जिम्मेदार हानिकारक बैक्‍टीरिया को मुंह से साफ करने में मदद करता है। इसके लिए तिल के तेल की एक चम्‍मच को मुंह में रखें। फिर इससे 20 मिनट तक मुंह में रखकर थूक दें। लेकिन इसे निगलने से बचें। फिर अपने मुंह को गुनगुने पानी से धो लें। रोगाणुरोधी लाभ पाने के लिए नमक के पानी का प्रयोग करें। फिर हमेशा की तरह अपने दांतों को ब्रश करें। इस उपाय को रोजाना सुबह खाली पेट करें। यह उपाय सूरजमुखी या नारियल के तेल के साथ भी किया जा सकता है।

लहसुन

एंटी बैक्‍टीरियल के साथ-साथ एंटीबायोटिग गुणों से समृद्ध होने के कारण, लहसुन दांतों के टूटने और कैविटी की समस्‍या को दूर करने में मदद करता है। यह दर्द से राहत देने और स्‍वस्‍थ मसूड़ों और दांतों के लिए भी अच्‍छा होता है। 3 से 4 लहसुन की कली को कुचलकर और 1/4 चम्‍मच सेंधा नमक मिलाकर पेस्ट बना लें। फिर इसे संक्रमित दांत पर लगाकर 10 के लिए छोड़ दें। कैविटी को कम करने के लिए इस उपाय को कुछ दिनों के लिए दिन में दो बार करें।  


मुलेठी

अमेरिकन केमिकल सोसायटी के जर्नल ऑफ नेचुरल प्रोडक्ट में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, मुलेठी की जड़ दांतों को स्‍वस्‍थ रखने में मदद करती है। मुलेठी में मौजूद एंटी-बैक्‍टीरियल गुण बैक्‍टीरिया के कारण होने वाली कैविटी के विकास को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा यह जडी-बूटी प्‍लॉक को कम करने में भी मदद करती है। नियमित रूप से दांतों में ब्रश करने के लिए मुलेठी की जड़ के पाउडर का प्रयोग करें। इसके अलावा आप टूशब्रश करने के लिए मुलेठी की स्‍टीक का इस्‍तेमाल कर सकते हैं।

हल्दी

आयुर्वेद में, हल्दी को कैविटी दर्द से राहत प्रदान करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसमें मौजूद एंटी-बैक्‍टीरियल गुणों के साथ एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण मसूढ़ों को स्‍वस्‍थ रखने के साथ बैक्‍टीरियल संक्रमण के कारण दांतों के गिरने की समस्‍या को भी रोकता है। प्रभावित दांत पर थोड़ी सा हल्‍दी पाउडर लगाकर इसे कुछ मिनटों के लिए छोड़ दें। फिर गुनगुने पानी से अच्‍छे से कुल्‍ला कर लें।

नीम

नीम भी कैविटी के इलाज के लिए एक अन्‍य लोकप्रिय उपाय है। इसकी एंटी-बैक्‍टीरियल गुण बैक्‍ट‍ीरिया के कारण होने वाली कैविटी को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा यह दांतों और मसूड़ों को स्‍वस्‍थ और मजबूत बनाने में भी मदद करता है। दांतों और मसूड़ों पर नीम के पत्तों के रस रगड़ें, कुछ मिनट के लिए छोड़ दें और फिर गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें। इस उपाय को दिन में एक या दो बार करें। इसके अलावा आप नीम की स्टिक का इस्‍तेमाल दांतों में ब्रश करने के लिए भी कर सकते हैं।

आंवला

आंवला जैसी जड़ी-बूटी भी कैविटी के इलाज में मददगार होती है। इसमें भरपूर मात्रा में मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट और विटामिन सी के कारण यह बैक्‍टीरिया और संक्रमण से लड़ने में मदद करती है। यह संयोजी ऊतक के विकास को बढ़ावा देकर मसूड़ों के लिए बहुत लाभकारी होती है। इसके अलावा, यह मुंह को साफ करने और बदबूदार सांस से छुटकारा पाने में आपी मदद करता है। नियमित रूप से ताजा आंवला खाये। यह आधा गिलास पानी के साथ आधा चम्‍मच आंवला पाउडर नियमित रूप से लें।

आंखों की चोट दूर करें

आंखों के नीचे और आसपास की जगहों पर कालापन ( ब्लैक आई)  एक प्रकार की समस्या होती है। यह कई कारणों से हो सकती है जैसे नाक पर या चेहरे पर लगी चोट, जबड़े की सर्जरी, आंखों के पास स्किन इंफेक्शन या किसी प्रकार के एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। यह बहुत ही तकलीफ देह होने के साथ देखने की क्षमता पर भी असर डालता है। आइए जानें इससे निजात पाने के घरेलू नुस्खों के बारे में- Image Courtsey-Getty images

आइस पैक

आंखों के आसपास सूजन पर कालापन होने पर आइस पैक की मदद लें। यह सूजन में आराम दिलाएगा साथ ही रक्त धमनियों को में रुकावट पैदा करता है जिससे इंटरनल ब्लीडिंग बंद हो जाएगी। यह दर्द में बहुत जल्द ही आराम दिलाएगा। बर्फ को किसी कपड़े में बांध कर ही सिकाई करें।  Image Courtsey-Getty images

गर्म पानी से सिंकाई

चोट लगने के एक या दो दिन बाद आंखों के आसपास कालापन दिखाई देता है। ऐसे में गर्म सेंक भी बहुत फायदेमंद हो सकती है। इससे आंखों के आस पास के ऊतकों में रक्त प्रवाह बढ़ता है जिससे चोट को ठीक होने में मदद मिलती है। इसके लिए एक साफ कपड़े को गर्म पानी में भीगोएं फिर उसे अच्छे से निचोड़ ले जिससे उसमें पानी ना रहे फिर इसे चोट वाली जगह पर तब तक रखें जब तक कपड़ा ठंडा ना हो जाए। इससे दिन में कई बार कर सकते हैं। Image Courtsey-Getty images

विटामिन सी

अगर आप इस समस्या से ग्रस्त हैं तों अपने आहार में विटामिन सी को जरूर शामिल करें। कई सारे खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जिनमें विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है जैसे अमरूद, आंवला, संतरा, नींबू, ब्रोकली, मीठे आलू और आम आदि। विटामिन सी के सेवन से रक्त धमनियों की दीवार मोटी होती है जिससे चोट को जल्द ठीक होने में मदद मिलती है। Image Cou

अननास

अननास के से ब्लैक आई की समस्या से निजात पाना आसान हो जाता है। अननास एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जिसकी वजह से यह त्वचा के रंग में आए बदलाव को ठीक करता है। इसमें मौजूद विशेष प्रकार एंजाइम त्वचा को मुलायम कर जल्द ही ठीक करता है। अननास के एक टुकड़े को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं या इसका जूस भी पी सकते हैं।Image Courtsey-Getty images

विटामिन के

विटामि के सेवन से सूजन में कमी आती है। अगर विटामिन के की गोलियां या आहार का सेवन किया जाए तो चोट के कारण होने वाली सूजन में बहुत कमी देखी जा सकती है। विटामिन के से भरपूर आहार में आप पालक, अजमोद, ब्रोकली, शलजम, स्प्राउट्स आदि का सेवन कर सकते हैं।   Image Courtsey-Getty images

लाल मिर्च पाउडर व वैस्लीन

ज्यादातर लोग ब्लैक आई से बचने के लिए लाल मिर्च पाउडर को वैस्लीन में मिलाकर लगाते हैं। लेकिन इसे लगाते वक्त बहुत सर्तक रहने की जरूरत है मिश्रण को प्रभावित क्षेत्र पर ही लगाएं ध्यान रहे यह आंखों में ना जाए। कुछ घंटे बाद इसे टिश्यू या कपड़े से अच्छे से साफ कर लें। दिन में तीन बार इस मिश्रण को चोट वाली जगह पर लगाएं। Image Courtsey-Getty images  

कुछ ही दिनों में गठिया दर्द से छुटकारा दिलाता है ये घरेलू उपाय

उम्र बढ़ने पर अक्‍सर लोगों को गठिया व जोड़ों मे दर्द की शिकायत होने लगती है। इसकी सबसे बड़ी वजह है शरीर में में यूरिक एसिड का बढ़ना। जब शरीर में यूरिक एसिड ज्‍यादा हो जाता है तो वह शरीर के जोड़ो में छोटे-छोटे क्रिस्‍टल के रूप में जमा होने लगता है इसी कारण जोड़ो में दर्द और ऐंठन होती है। गठिया को कई स्‍थानों पर आमवत भी कहा जाता है। आइए जाने गठिया और जोड़ों के दर्द को दूर करने वाले घरेलू उपचार के बारे में-
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    गठिया के घरेलू उपचार

    गठिया के किसी भी रूप में जोड़ों में सूजन दिखाई देने लगती है। इस सूजन के चलते जोड़ों में दर्द, जकड़न और सूजन का एहसास होता है। रोग के बढ़ जाने पर तो चलने-फिरने या हिलने-डुलने में भी परेशानी होने लगती है। जानिए घर पर ही जोड़ों के दर्द को दूर करने के उपायों के बारे में-
    गठिया के घरेलू उपचार

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    अरंडी का तेल

    अरंडी के जड़ का चूर्ण आधा या एक चम्मच लेने से गठिया के रोगियों में चमत्कारिक लाभ मिलता है। अगर जोड़ों का दर्द प्रारंभिक अवस्था में है तो अरंडी के तेल के मालिश भी अत्यंत प्रभावी होते है।
    अरंडी का तेल

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    अश्वगंधा का चूर्ण

    अश्वगंधा,शतावरी एवं आमलकी का चूर्ण को अच्छे से मिलकार सुबह-सुबह पानी के साथ लेने से जोड़ों का दर्द कम होता है और मजबूती आती है।
    अश्वगंधा का चूर्ण

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    लहसुन का सेवन

    लहसुन रक्त शुद्ध करने में सहायक है। गठिया रोग के कारण रक्त में यूरिक एसिड बहुत अधिक मात्रा में हो जाता है। लहसुन के रस के प्रभाव से युरिक एसिड गलकर तरल रूप में मूत्रमार्ग से बाहर निकल जाता है। लहसुन के रस को कपूर में मिला कर मालिश करने से भी दर्द से राहत मिलती है।
    लहसुन का सेवन

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    अदरक भगाए दर्द

    जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को हर रोज दो सौ ग्राम अदरक दो बार लेने से दर्द में बहुत राहत मिलती है। आप चाहें तो सब्जी, सूप या अन्य चीजों में मिलाकर भी अदरक का सेवन कर सकते हैं। 
    अदरक भगाए दर्द

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    नींबू के रस का सेवन


    जोड़ों पर नीबू के रस की मालिश करने से और रोजाना सुबह एक गिलास पानी में एक नीबू का रस निचोड़ कर पीते रहने से जोड़ों की सूजन दूर हो जाती है और दर्द नहीं रहता।
    नींबू के रस का सेवन

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    बथुए का रस


    बथुआ के ताजा पत्‍तों का रस हर दिन 15 ग्राम पिएं। इसमें स्‍वाद के लिए कुछ भी न मिलाएं। खाली पेट पीने से ज्‍यादा लाभ होता है। तीन महीने पीने से दर्द से हमेशा के लिए निजात मिल जाती है।
    बथुए का रस

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    एलोविरा जेल

    ऐलोविरा जेल को तमाम रोगों को इलाज माना जाता है। जोड़ों में दर्द होने पर एलोविरा के पत्‍ते को काटकर उसके जेल को दर्द होने वाली जगह पर लगाएं। इससे दर्द में काफी राहत मिलेगी। 
    एलोविरा जेल

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    आलू का रस


    आलू का रस गठिया का दर्द होने पर हर दिन खाना खाने से पहले से दो आलूओं का रस निकाल लें और पिएं। हर दिन कम से कम शरीर में 100 मिली. रस पीने से आराम मिलेगा।
    आलू का रस

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    हरी पत्तेदार सब्जी

    जोड़ों के दर्द में हरी पत्‍तेदार सब्‍जी का सेवन करना काफी फायदेमंद माना जाता है। इसमे मौजूद विटामिन व मिनरल जोड़ों के दर्द को कम करता है साथ ही इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और हडिडयां मजबूत होती हैं।
    हरी पत्तेदार सब्जी

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बरसात में बढ़ जाते हैं कीड़े मकोड़े, काटने पर तुरंत आजमाएं ये घरेलू नुस्खे

बारिश के मौसम में तमाम तरह के कीड़े मकोड़ों का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में मच्छर और मधुमक्खियों के अलावा जमीन पर चलने वाले तमाम तरह के कीड़ों का खतरा होता है। इन कीड़ों के काटने से कई बार तेज दर्द, जलन और सूजन का सामना करना पड़ता है। इन कीड़ों के काटने पर अगर आप तुरंत कुछ घरेलू नुस्खों को अपनाते हैं, तो इससे आपको परेशानी कम होती है और जलन और सूजन की समस्या भी दूर होती है।
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    बर्फ की सिंकाई

    अगर चींटी, मधुमक्खी, बर्र या किसी अन्य कीट के काटने से आपकी स्किन लाल हो जाती है या उस पर सूजन होती है तो आप उस जगह को बर्फ से तुरंत मलें। इससे जलन कम होगी और सूजन भी नहीं होगी। एक तौलिये में कुछ बर्फ के टुकड़े लें तथा कीड़े या कीट के काटे हुए भाग पर 20 मिनट तक रखें। इसकी ठंडक से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाएंगी तथा दर्द और खुजली का अहसास नहीं होगा।
    बर्फ की सिंकाई

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    टूथपेस्ट

    यदि आपको किसी चींटी, मधुमक्‍खी या ततैया ने काटा हो, तो आप घर में मौजूद टूथपेस्ट तुरंत काटे हुए स्थान पर गला लें। टूथपेस्ट में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं इसलिए ये दर्द और सूजन को कम करता है। इसमें मौजूद मिंट आपके जलन को तुरंत ठीक करती है।
    टूथपेस्ट

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    तुलसी की पत्तियां रगड़ें

    चींटी मच्छर, मधुमक्खी या अन्य कीड़ों के काटने पर होने वाली खुजली, जलन और सूजन को कम करने के लिए प्रभावित जगह पर तुलसी की पत्तियां लगाएं। इसके लिए कुछ ताज़े तुलसी के पत्तों को मसलें और 10 मिनट तक प्रभावित त्वचा पर मलें। इससे जलन की समस्या ठीक हो जाएगी और इंफेक्शन नहीं फैलेगा।
    तुलसी की पत्तियां रगड़ें

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    शहद भी है फायदेमंद

    कीड़ों के काटने पर तत्‍काल राहत पाने के लिए शहद एक बहुत ही बढि़या उपाय है। शहद में मौजूद एंजाइम जहर को बेअसर करने में मदद करते हैं और इसका एंटी-बैक्टीरियल गुण संक्रमण बढ़ने नहीं देता है। साथ ही यह दर्द और खुजली को कम करने में मदद करता है। कीड़े के डंक वाले हिस्‍से में शहद को अच्‍छे से लगाकर छोड़ दें। इसका ठंडा और सुखदायक प्रभाव डंक के लक्षणों को काफी हद तक कम कर देता है। या आप शहद को एक चम्‍मच हल्‍दी में मिलाकर पेस्‍ट बनाकर प्रभावित हिस्‍से पर लगायें। इस उपाय को दिन में दो बार करें।
    शहद भी है फायदेमंद

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    बेकिंग सोडा

    बेकिंग सोडा भी कीड़ों के काटने पर एक प्रभावी प्राकृतिक उपचार है। बेकिंग सोडा की क्षारीय प्रकृति कीड़ों के डंक को बेअसर करने में मदद करती है। यह दर्द और खुजली से तत्काल राहत प्रदान करता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन, दर्द और लालिमा को कम करने में मदद करता है। समस्‍या होने पर एक चम्‍मच बेकिंग सोडा लेकर उसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर पेस्‍ट बना लें। फिर इस पेस्‍ट को प्रभावित हिस्‍से पर 5 से 10 मिनट के लिए लगा लें। दस मिनट के बाद इसे गुनगुने पानी से धो लें। अगर जरूरत हो तो इस उपाय को कुछ ही घंटों के बाद दोहराये।
    बेकिंग सोडा

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फटे पैरों को सिर्फ 1 रात में सही करता है ये दमदार घरेलू नुस्खा

पैरों पर कटा नींबू रगड़ने से वे नरम बने रहते हैं। हफ्ते में कम से कम एक बार अपने पैरों को नींबू से साफ करें। आप अपने पैरों को गर्म पानी के टब में भी डुबो सकते हैं जिसमे की 1 कप इप्सम नमक मिला हुआ हो।
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    नींबू है अच्छा उपाय

    पैरों पर कटा नींबू रगड़ने से वे नरम बने रहते हैं। हफ्ते में कम से कम एक बार अपने पैरों को नींबू से साफ करें। आप अपने पैरों को गर्म पानी के टब में भी डुबो सकते हैं जिसमे की 1 कप इप्सम नमक मिला हुआ हो।
    नींबू है अच्छा उपाय

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    एंटी-सेप्टिक साबुन

    पैरों को साफ करने के लिए एंटी-सेप्टिक युक्‍त साबुन का इस्‍तेमाल करें। इससे आपके पैरों की सूखी त्‍वचा को तो आराम मिलेगा ही साथ ही कीटाणुओं से भी पैरों की रक्षा होगी।
    एंटी-सेप्टिक साबुन

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    पैरों को सूखा रखें

    अपने पैरों को गीला न रखें। पैरों को अच्‍छी तरह सुखाने के बाद उन पर कुछ लोशन लगाएं। जिससे आपके पैर मुलायम बने रहें।
    पैरों को सूखा रखें

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    खूब पानी पीएं

    रोजाना कम से कम आठ से दस‍ गिलास पानी पिएं। इसके साथ ही कैफीन और एल्‍कोहल से भी परहेज करें क्‍योंकि इनका अधिक सेवन शरीर में जल की मात्रा को कम कर देता है।
    खूब पानी पीएं

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    कैंची को रखें दूर

    अपनी सूखी त्वचा को कैंची से काटने को कोशिश न करें। इससे आसपास की त्‍वचा भी निकल सकती है। ऐसा करना कई बार काफी तकलीफदेह भी होता है और साथ ही इससे त्‍वचा में संक्रमण होने का खतरा भी होता है।
    कैंची को रखें दूर

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    प्युमैस स्‍टोन

    त्‍वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए प्युमैस स्‍टोन का प्रयोग करें। यह ऐसी सख्‍त त्‍वचा को हटाने का काम करता है जो बाद में टूट सकती है। इसे इस्‍तेमाल करते हुए इस बात का ध्‍यान रखें कि आप इतनी जोर से न रगड़ें कि दर्द होने लग जाए।
    प्युमैस स्‍टोन

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दाढ़ी के सफेद बालों को काला करता है आलू का ऐसा प्रयोग

हालांकि आप मूछ और दाढ़ी के सफेद बालों को कई विधियों से हटा सकते हैं। लेकिन ऐसे कई घरेलू नुस्खे भी हैं जो सफेद बालों से छुटकारा पाने में आपकी मदद कर सकते हैं। आइए ऐसे ही कुछ घरेलू उपायों के बारे में जानकारी लेते हैं।
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    मूछ और दाढ़ी के सफेद बाल हटाने के घरेलू नुस्‍खे

    उम्र बढ़ने के साथ मेलेनिन की मात्रा कम होने के कारण मूछ और दाढ़ी के बाल सफेद होने लगते हैं। मेलेनिन ऐसा पिग्‍मेंट है जो आपके बालों और त्‍वचा के रंग को सही रखने में मदद करता है। लेकिन उम्र के साथ शरीर में मेलेनिन की मात्रा कम होने से बालों और त्‍वचा का रंग फीका पड़ने लगता है। इसके अलावा तनाव, खराब खानपान, स्वास्थ्य समस्याएं और बुढ़ापा आदि के कारण भी बाल सफेद होने लगते हैं। लेकिन मूछ और दाढ़ी के बाल सफेद दिखने से आप उम्रदराज लगने लगते हैं। ऐसे में अनचाही सफेदी से छुटकारा पाना स्‍वाभाविक है। लेकिन आपकी मूछ पर दिखने वाले बाल छिप नहीं सकते। अतः आपको मूछ के सफेद बालों को हटाने का नुस्खा ढूंढना पड़ेगा। यह सही है कि आप सफेद बाल कई विधियों से हटा सकते हैं। लेकिन ऐसे कई घरेलू नुस्खे भी हैं जो कि आपके बालों को सफेद होने से बचा सकते हैं। आइए हम आपको मूछ और दाढ़ी के सफेद बालों से छुटकारा पाने घरेलू उपायों के बारे में बताते हैं।
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    मूछ और दाढ़ी के सफेद बाल हटाने के घरेलू नुस्‍खे

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    दाल और आलू का पेस्‍ट

    इस बेहतरीन आयुर्वेदिक नुस्‍खे से आप मूछ के सफेद बालों से छुटकारा पा सकते हैं। आलू और दाल को साथ मिलाकर लगाने से आप मूछ के सफेद बालों से छुटकारा पा सकते हैं। आलू और दाल से बना पेस्‍ट मूछ के अनचाहे बाल को हटाने के काफी काम आता है। आलू में ब्लीचिंग के प्राकृतिक गुण होने के कारण आलू को दाल के साथ मिलाकर मूछ पर लगाने से बालों का प्राकृतिक रंग वापस आ जाता है।
    दाल और आलू का पेस्‍ट

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    फिटकरी और गुलाबजल का कमाल

    फिटकरी और गुलाबजल से बने पेस्‍ट को अपनी मूछ के बालों पर लगाकर आप मनचाहा रंग प्राप्‍त कर लंबे समय तक जवां बने रह सकते हैं। इसके लिए फिटकरी को पीसकर इसके पाउडर को गुलाबजल के साथ मिलाकर मूछ पर लगा लें।
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    फिटकरी और गुलाबजल का कमाल

  • 4

    हल्दी का जादू

    हल्‍दी त्वचा की लगभग हर समस्या बहुत अच्‍छा उपाय है। इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक और एंटी बैक्टीरियल गुणों के कारण यह बालों की बढ़त को रोकने का काफी प्रभावी तत्व भी माना जाता है। इस प्रभावी उपाय से आप मूछ के सफेद बाल को आसानी से हटा सकते हैं। आप इसे पतले, घने या किसी अन्य प्रकार के बालों पर भी प्रयोग कर सकते हैं।
    हल्दी का जादू

  • 5

    कच्चा पपीता

    कच्चा पपीता त्वचा की समस्‍याओं और अनचाहे बालों को हटाने में काफी मददगार होता है। अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है तो पपीता आपके लिए सबसे बेहतरीन प्राकृतिक तत्व है। कच्चे पपीते में पपेन (papain) नामक एंजाइम बालों की बढ़त को रोकता है तथा ऐसा वह बालों की बढ़त की जगह से फॉलिकल्स को तोड़कर करता है। इसके अलावा यह त्वचा को बेहतरीन तरीके से एक्सफोलिएट करता है तथा मृत कोशिकाओं को हटाने में आपकी सहायता करता है।
    कच्चा पपीता

  • 6

    गुलाबजल और मूंग की दाल

    आप गुलाबजल एवं मूंग का पेस्ट बनाकर भी मूछ और दाढ़ी के सफेद बालों को हटा सकते हैं। मूंग में मौजूद एक्सफोलिएटिंग गुणों के कारण चेहरे के अनचाहे बालों को जड़ से निकाला जा सकता है। इसके अलावा गुलाबजल को त्वचा को साफ करने के साथ बालों को हटाने में मदद करता है। आप इन दोनों चीजों को मिक्‍स करके प्रभावी रूप से अनचाहे सफेद बालों को हटा सकते हैं। ये त्वचा की गुणवत्ता को बढाने में भी मदद करता है।
    गुलाबजल और मूंग की दाल

  • 7

    पुदीने की चाय का प्रभाव

    इस चाय में बालों को प्राकृतिक दिखाने के सारे गुण मौजूद होते हैं तथा यही कारण है कि आपको इसका सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पुदीने की चाय का सेवन करके मूछ के बालों की असली रंगत वापस मिलती है। इससे भी आप मूछ और दाढ़ी के बालों के सफेद होने के कारण बूढ़ा नहीं दिखना पड़ता।
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    पुदीने की चाय का प्रभाव

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आपकी रसोई में मौजूद है रोज-रोज की इन 5 बीमारियों का इलाज

रसोई कई तरह की बीमारियों का डॉक्‍टर भी है। जी हां, आपकी रसोई में कई ऐसी चीजें होती हैं जो बीमारियों का खात्‍मा करता है। सदियों से मसाले के रूप में इस्‍तेमाल होने वाला लौंग औषधीय गुणों का खजाना है।
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    बीमारियों का इलाज

    रसोई सिर्फ खाना बनाने का कोई स्‍थान मात्र नहीं है। रसोई कई तरह की बीमारियों का डॉक्‍टर भी है। जी हां, आपकी रसोई में कई ऐसी चीजें होती हैं जो बीमारियों का खात्‍मा करता है। सदियों से मसाले के रूप में इस्‍तेमाल होने वाला लौंग औषधीय गुणों का खजाना है। इसमें प्रोटीन, आयरन, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम और हाइड्रोक्लोरिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं। यह सभी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। साधारण सा सर्दी-जुकाम हो या कैंसर जैसा गंभीर रोग सभी के उपचार में लौंग का इस्तेमाल किया जाता है।
    बीमारियों का इलाज

  • 2

    पाचन के लिए

    पाचन की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए लौंग काफी फायदेमंद होती है। पाचन, गैस, बम्पिंग या कांस्टीपेशन की समस्या से पीड़ित लोग सुबह खाली पेट अगर 1 ग्लास पानी में कुछ बूंदे लौंग के तेल की डालकर पीएं तो उन्हें काफी आराम होगा।
    पाचन के लिए

  • 3

    सर्दी-जुकाम में लौंग

    जिन लोगों को सर्दी बहुत जल्दी लगती है उन्हें हमेशा अपने साथ 1 या 2 लौंग रखनी चाहिए। सर्दी-जुकाम की समस्या के वक्त मुंह में साबुत लौंग रखने से जुकाम के साथ ही गले में होने वाले दर्द से भी काफी आराम मिलता है।
    सर्दी-जुकाम में लौंग

  • 4

    मुंह से बदबू के लिए

    अधिकतर लोगों को शिकायत रहती है कि वह जितना मर्जी दातुन कर लें या कितनी भी दांतों की साफ-सफाई कर लें लेकिर उनके मुंह से बदबू नहीं जाती। ऐसे लोगों के लिए लौंगे बहुत ही फायदेमंद है। 40 से 45 दिनों तक रोज सुबह मुंह में साबुत लौंग का सेवन करने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
    मुंह से बदबू के लिए

  • 5

    त्वचा के लिए फायदेमंद

    चहरे के दाग-धब्बों या फिर सांवली त्वचा को निखारने के लिए भी लौंग फायदेमंद है। लौंग के पाउडर को किसी फेसपैक या फिर बेसन के साथ मिलाकर लगाया जा सकता है। लेकिन ध्यान रखें सिर्फ लौंग का पाउडर कभी चेहरे पर ना लगाए। क्योंकि यह बहुत गर्म होता है, जिससे चेहरे पर रिएक्शन होने के चांस रहते हैं।
    त्वचा के लिए फायदेमंद

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    बाल होते हैं घने

    जिन लोगों के बाल अक्सर झड़ते हैं या फिर सूखे-सूखे से रहते हैं वह लोग लौंग से बना कंडीश्नर इस्तेमाल कर सकते हैं। या फिर लौंग को थोड़े से पानी में गर्म कर उससे बाल धोएं जा सकते हैं। इससे बाल घने और मजबूत होते हैं।
    बाल होते हैं घने

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मक्खी, मच्छर और चूहे से छुटकारा दिलाएंगे ये घरेलू उपाय

अगर आप भी घर में मौजूद चूहे, मच्‍छर, छिपकली, मक्‍खी, कॉकरोच और खटमल से परेशान है और इन्‍हें भगाने का कोई तरीका नहीं सूझ रहा तो यहां दिये घरेलू उपायों को अपनायें।
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    घरेलू उपायों से भगाएं मक्‍खी, मच्‍छर....

    ज्‍यादातर महिलाएं घर में गंदगी और बीमारियां फैलाने वाले कीड़े-मकोड़ों और अन्‍य जीवों से परेशान रहती है, लेकिन चाहकर भी इन्‍हें रोक नहीं पाती। लेकिन इन्‍हें अनदेखा भी नहीं किया जा सकता क्‍योंकि यह हमारी सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। अगर आप भी घर में मौजूद चूहे, मच्‍छर, छिपकली, मक्‍खी, कॉकरोच और खटमल से परेशान है और इन्‍हें भगाने का कोई तरीका नहीं सूझ रहा तो यहां दिये घरेलू उपायों को अपनायें। इन उपायों की खास बात यह है कि यह आपके लिए पूरी तरह से सुरक्षित भी है। तो देर किस बात की आइए इन उपायों के बारे में जानें।
    घरेलू उपायों से भगाएं मक्‍खी, मच्‍छर....

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    कॉकरोच से राहत

    ज्‍यादातर लोगों को कॉकरोचों से डर लगता है खासकर महिलाएं तो उसे देखते ही घबराने लगती है। कॉकरोचों से राहत पाने के लिए लहसुन, प्याज और काली मिर्च को बराबर मात्रा में पीसकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट में पानी मिलाकर एक घोल तैयार कर लें। अब आप इस घोल को किसी बोतल में डालकर, उन जगह पर छिड़काव करें जहां पर कॉकरोच अधिक आते हैं। इसकी तेज गंध से वे भाग जाएंगे। जल्‍द राहत पाने के लिए इस उपाय को कुछ दिनों तक नियमित रूप से करते रहें।
    कॉकरोच से राहत

  • 3

    मच्‍छरों से राहत

    लहसुन की तीखी गंध मच्छर को घर में प्रवेश करने से रोकती हैं। इस उपाय का उपयोग करने के लिए आप लहसुन की कुछ फली पीसकर पानी में उबाल लें और जिस कमरे को आप मच्छर मुक्त रखना चाहते हैं वहां चारों ओर स्प्रे करें। हालांकि यह बदबूदार हो सकता है लेकिन इसी कारण से मच्छर भाग जाते हैं। अगर आप भी मच्‍छरों से परेशान हैं तो इस उपाय से मच्छरों से छुटकारा पाया जा सकता है।
    मच्‍छरों से राहत

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    मक्खियों से मुक्ति

    मक्खियों से लगभग सभी परेशान रहते हैं क्‍योंकि मक्खियां गंदगी पर बैठती है और फिर हमारे खाने पर बैठकर बीमारियां को न्‍यौता देती है। लेकिन अब आप परेशान न हो क्‍योंकि मक्खियों से निजात पाने के लिए कॉटन बॉल को किसी तेज गंध वाले तेल में डुबोकर दरवाजे के पास रख दें। तेल की गंध से मक्खियां दूर भागती हैं।
    मक्खियों से मुक्ति

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    चूहों से मुक्ति

    अगर आपके घर में भी चूहे उत्‍पात मचा रहे हैं तो कॉटन पर पिपरमिंट लगाकर उनके होने की संभावित जगह पर रख दें। या पिपरमिंट के कुछ टुकड़ों को घर व किचन के कोनों कोनों में रख दें। इसकी स्मेल से उनका दम घुटेगा और वह मर जाएंगे। चूहों को पिपरमिंट की गंध बिल्कुल भी अच्‍छी नहीं लगती है।
    चूहों से मुक्ति

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    छिपकली से मुक्ति

    छिपकली को घर से भगाने के लिए दिवार पर 5-6 मोर के पंख चिपका दें। इससे छिपकली कुछ ही दिनों में गायब हो जाती है। मोर छिपकली को खाते है, इसलिए छिपकली मोर के पंख को देख कर ही भाग जाती है। या आप अंडे के खाली छिलकों को कुछ ऊंचाई पर रख दें। अंडे की गंध से छिपकली दूर भागती हैं। इनको घर से भगाने का यह भी एक कारगर उपाय है।
    छिपकली से मुक्ति

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    खटमल दूर भगाएं

    खटमल को आप घर से आसानी से खत्म कर सकते हो। आप प्याज का रस निकालें और इसे किसी स्प्रे बोतल में भर कर छिड़काव करें। इसकी स्‍मेल से खटमल मर जाते हैं। प्‍याज का रस खटमल को मारने की प्राकृतिक दवा है।
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    खटमल दूर भगाएं

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झड़ते बालों को दोबारा उगाते हैं ये 5 घरेलू नुस्‍खे, जानें प्रयोग का तरीका

घरेलू नुस्‍खों को आजमाने से कुछ हद तक गंजेपन और गिरते बालों को रोका जा सकता है। हम आपको 5 ऐसे नुस्‍खों के बारे में बता रहे हैं जिसके प्रयोग से बालों की हर प्रकार की समस्‍या दूर हो सकती है।
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    क्‍यों झड़ते हैं बाल

    बालों के झड़ने के कई कारण हो सकते हैं। जड़ों का कमजोर होना, पिट्यूटरी ग्लैंड (पियूस ग्रंथि) में हार्मोन्स की कमी, शरीर और बालों में पोषक तत्‍वों की कमी, तनाव, डैंड्रफ, स्किन इंफेक्‍शन के अलावा कई लोगों में बालों का झड़ना या गंजापन आनुवांशिक होता है। हालांकि इससे बचने और उससे छुटकारा पाने में घरेलू उपचार मददगार होते हैं। घरेलू नुस्‍खों को आजमाने से कुछ हद तक गंजेपन और गिरते बालों को रोका जा सकता है। हम आपको 5 ऐसे नुस्‍खों के बारे में बता रहे हैं जिसके प्रयोग से बालों की हर प्रकार की समस्‍या दूर हो सकती है।
    क्‍यों झड़ते हैं बाल

  • 2

    मेथी

    मेथी को पूरी रात भिगो दीजिए फिर सुबह उसे गाढ़ी दही में मिला कर अपने बालों और जड़ो में लगाइए। बालों को धो लें, इससे रूसी और सिर की त्वचा के विकार समाप्‍त होंगे। मेथी में निकोटिनिक एसिड और प्रोटीन पाया जाता है जो बालों की जड़ो को पोषण पहुंचाता है और बालों की ग्रोथ भी बढ़ाता है।
    मेथी

  • 3

    उड़द की दाल

    गंजेपन के लिए उड़द की दाल भी बहुत जरूरी है। उड़द की दाल को उबाल कर पीस लीजिए, रात को सोने से पहले इस लेप को सिर पर लगाइए। कुछ दिनों तक करते रहने बाल उगने लगते हैं और गंजापन समाप्त हो जाता है। इसे  आप खाने के साथ-साथ लगाने में भी प्रयोग करें।
    उड़द की दाल

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    मुलेठी

    थोड़ी सी मुलेठी लेकर दूध की कुछ बूंदे डालकर उसे पीस लीजिए, फिर उसमें चुटकी भर केसर डालकर उसका पेस्ट बनाइए। इस पेस्‍ट को रात में सोने से पहले सिर पर लगाइए। कुछ दिनों तक इस पेस्‍ट को सिर पर लगाने से गंजेपन की समस्या दूर होती है।
    मुलेठी

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    प्याज

    प्‍याज में सल्‍फर अधिकता में पाया जाता है। इसके प्रयोग से बालों का टूटना बंद हो जाता है। इसे प्रयोग करने के लिए सबसे पहले प्याज को काटकर उसके कई टुकड़े कर लीजिए। इसके बाद उसे जूसर में डालकर उसका रस निकाल लीजिए। प्‍याज के रस में थोड़ा सा नारियल तेल मिलाकर उन स्‍थानों पर लगाएं जहां बाल झड़ रहे हैं। इसके अलावा पूरे सिर में बालों की जड़ों में लगा सकते हैं। 30 मिनट बाद धो लें।
    प्याज

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    अनार

    अनार जितना खाने में मीठा होता है। उसकी पत्तियां उतनी ही असरदार होती हैं। अनार को औ‍षधि के रूप में इस्‍तेमाल किया जाता है। यह बालों का झड़ना बंद कर देता है। अनार की पत्‍ती पीसकर सिर पर लगाने से गंजेपन का निवारण होता है। नियमित अनार का प्रयोग करने से बाल उगने लगते हैं।
    अनार

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कार में सफर के दौरान आती है उल्‍टी तो इन 5 नुस्‍खों से तुरंत पाएं निदान

मोशन सिकनेस कोई बीमारी नहीं बल्कि वह स्थिति है जब हमारे दिमाग को भीतरी कान, आंख और त्वचा से अलग-अलग सिग्नल मिलते हैं यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम को दुविधा में डाल देता है, हालांकि इसके घरेलू उपचार संभव हैं।
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    मोशन सिकनेस

    मोशन सिकनेस कोई बीमारी नहीं है बल्कि शरीर के संतुलन को महसूस करने से जुड़ी समस्या है। वह स्थिति है जब हमारे दिमाग को भीतरी कान, आंख और त्वचा से अलग-अलग सिग्नल मिलते हैं यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम को दुविधा में डाल देता है, जिससे सिर चकराने लगता है और उबकाई आती है, यानी मोशन सिकनेस हावी हो जाती है। मसलन, कार में ट्रैवलिंग के वक्त आपके कान रफ्तार का संदेश दें और आंखें किताब पढ़ने का। हालांकि कुछ घरेलू मुस्खओं की मदद से इसे ठीक किया जा सकता है।
    मोशन सिकनेस

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    किसे होता है मोशन सिकनेस?

    हम में से तकरीबन हर कोई जीवन में कभी न कभी मोशन सिकनेस को महसूस करता ही है। यह समस्या छोटे-बच्चों या बढ़ती उम्र के लोगों को ज्यादा होती है। हालांकि भीतरी कान की संवेदना कई मामलों में अनुवांशिक होती है, इसलिए कुछ परिवारों को मोशन सिकनेस ज्यादा परेशान करता है।
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    किसे होता है मोशन सिकनेस?

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    मोशन सिकनेस की पहचान

    मोशन सिकनेस होने पर उबकाई आ सकती है या फिर अपच, ज्याद पसीना आना, असहज महसूस होना, चेहरा पीला पड़ना और सिर चकराना आदि हो सकते हैं। यह समस्या सफर की शुरुआत से लेकर कुछ घंटों तक रहती है। कुछ मामलों में यह 2 से 4 दिन तक भी रह सकती है।
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    मोशन सिकनेस की पहचान

  • 4

    क्या है इसका इलाज

    आमतौर पर मोशन सिकनेस के लिए एंटी हिस्टामाइन दवाइयां दी जाती हैं, जिससे भीतरी कान की संवेदना कम हो जाती है। यह दवाइयां तभी काम करती हैं, जब इसे मोशन सिकनेस शुरू होने से पहले यानी सफर से पहले ले लिया जाए।
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    क्या है इसका इलाज

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    अदरक

    कहीं सफर करने से पहले एक कप अदरक की चाय पीने से मोशन सिकनेस के कारण आने वाली उल्टी नहीं होती हैं। साथ ही मतली होने पर भी एक कप अदरक चाय से आराम मिलता है।
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    अदरक

  • 6

    सेब साइडर सिरका

    सेब साइडर सिरका शरीर पर एक क्षारीय और पीएच संतुलन प्रभाव डालता है। मोशन सिकनेस होने पर एक कप गुनगुने पानी में एत चम्मच सेब साइडर सिरका और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से, मोशन सिकनेस ठीक हो जाती है।
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    सेब साइडर सिरका

  • 7

    पेपरमिंट

    पेपरमिंट मोशन सिकनेस की समस्या से तुरंत निजात दिलाता है। पुदीना में मौजूद मेन्थॉल पेट की मांसपेशियों को शांत करता है और मतली को कम करने तथा मोशन सिकनेस की समस्या को दूर करने में मदद करता है।
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    पेपरमिंट

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    नींबू

    ताजे नींबू या ताजे नीबू के रस में साइट्रिक एसिड होता है, जो यात्रा के दौरान होने वाली उल्टी, मोशन शिकनेस और नाज़ुक पेट को ठीक कर सकता है। यहां तक की नींबू का खशबू भी दिमाग की मदद से इस समस्या में राहत दिला सकती है।
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    नींबू

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    ग्रीन एप्पल

    ग्रीन एप्पल (हरे सेब) में मौजूद पेक्टिन पेट में मौजूद एसिड को बेअसर करने में मदद करता है और इसके कारण हो रही मोशन सिकनेस की समस्या से राहत दिलाता है। इसके अलावा हरे सेब में पाई जाने वाली प्राकृतिक शर्करा पेट को ठईक रखने में मदद करती है।
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    ग्रीन एप्पल

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    सौल्ट क्रैकर्स (Crackers)

    क्रैकर्स आसानी से पचने वाला नाश्ता होते हैं और पेट के लिए भी बहुत ही अच्छे होते हैं। नमकीन और सुगंधित और बिना मीठे वाले ये क्रैकर्स अतिरिक्त एसिड को सोख लेते हैं और मोशन सिकनेस को रोकने के लिए इस्तेमाल किये जा सकते हैं।
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    सौल्ट क्रैकर्स (Crackers)

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बालों को घना बनाने के लिए कैसे करें कड़ी पत्‍ते का इस्‍तेमाल?

आपके घर के आसपास या गार्डन में आसानी से उपलब्ध होने वाला कड़ी पत्ता बेजान और रूखे बालों की मरम्मत करने में बहुत उपयोगी साबित होता है, आइए हम आपको बताते हैं यह कैसे बालों के लिए फायदेमंद है।
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    लाभ पहुचाते हैं करी पत्ते

    करी पत्तों में बहुत मात्रा में प्रोटीन और बीटा कैरोटीन होता है, जो बालों को क्षतिग्रस्‍त होने से रोकने के साथ ही बालों को पतला होने से रोकने में मदद करता है। यह बालों के रोम को नया जीवन प्रदान करता है। हमें इसका उपयोग सब्ज़ियों के साथ करना चाहिए जो की बहुत ही गुणकारी होता है। यह बालों के शाफ़्ट (वह बाल जो सर से थोड़ा ऊपर होते है) को भी मजबूती प्रदान करता है। इसके बारे में विस्‍तार से जानते हैं।
    लाभ पहुचाते हैं करी पत्ते

  • 2

    बालों की जड़ों को मज़बूत बनायें

    ज़रूरत से ज्यादा केमिकल का इस्तेमाल और प्रदूषण की वजह से बालों को काफी नुक्सान होता है। करी पत्ते में वो सारे पोषण तत्व पाये जाते हैं, जो बालों को स्वस्थ रखते हैं। करी पत्तों को पीस कर इसका लेप बना लें फिर इसे सीधे बालों की जड़ों में लगाएं या आप करी पत्ते को खा भी सकते हैं, अगर आपको इसके कड़वे स्वाद से कोई परेशानी नहीं है। इससे आपके बाल काले, लंबे और घने हो जाएंगें साथी ही बालों की जड़ें भी मज़बूत होंगी।
    बालों की जड़ों को मज़बूत बनायें

  • 3

    बालों का गिरना कम करें

    करी पत्ता में विटामिन बी1 बी3 बी9 और सी होता है। इसके अलावा इसमें आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस होते हैं। इसके रोज़ाना सेवन से आपके बाल काले लंबे और घने होने लगेंगे। यही नहीं यह बालों को डैंड्रफ से भी बचाती है।
    बालों का गिरना कम करें

  • 4

    करी पत्ते का तेल

    करी पत्ते का एक गुच्छा ले कर उसे साफ पानी से धो लें और सूरज की धूप में तब तक सुखा लें, जब तक कि यह सूख कर कड़ा न हो जाए। फिर इसे पाउडर के रूप में पीस लें अब 200 एम एल नारियल के तेल में या फिर जैतून के तेल में लगभग 4 से 5 चम्मच कड़ी पत्ती मिक्स कर के उबाल लें। दो मिनट के बाद आंच बंद कर के तेल को ठंडा होने के लिए रख दें। तेल को छान कर किसी एयर टाइट शीशी में भर कर रख लें।
    करी पत्ते का तेल

  • 5

    बालों के लिए बनाएं मास्क

    करी पत्ते लें और इसे पीस कर इसका पेस्ट बना लें। अब इसमें थोड़ा दही मिलाएं और इसे अपने बालों पर लगाएं। इस मिश्रण को बालों में 20-25 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर शैम्पू से बालों को धो दें। इससे आप के बाल काले और घने हो जाएंगे।
    बालों के लिए बनाएं मास्क

  • 6

    करी पत्ते की चाय बनायें

    करी पत्ते को पानी में उबाल लें अब इसमें एक नींबू निचोड़ लें और चीनी मिलाएं। एक हफ्ते तक इसे पीयें। यह आपके बालों लंबा, घना, और सफ़ेद होने से बचाएगा। यही नहीं यह आपके पाचन तंत्र के लिए भी काफी फायदेमंद है।
    करी पत्ते की चाय बनायें

  • 7

    दही और करी पत्ते का मिश्रण

    आधा कप करी पत्तो को दही के साथ पीस ले व उस मिश्रण को अपने बालो पे लगाये, व कुछ मिनिटो बाद धो ले। हमें हमारे रोज के आहार के साथ करी पत्तो का भी सेवन करना चाहिए, यह बहुत ही गुणकारी होता है।
    दही और करी पत्ते का मिश्रण

  • 8

    बाल सफेद होने का इलाज

    तनाव, शराब पीने, सिगरेट पीने, आयु, आनुवंशिकता के कारण समय से पहले काफी लोगो के बाल सफ़ेद हो जाते है। करी पत्तो में विटामिन ‘बी’ होता है जो बालो की जड़ो को मजबूती व पोषण प्रदान करके बालो का प्राकर्तिक रंग फिर से ले आता है।
    बाल सफेद होने का इलाज

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एड़ियों में हो कैसा भी दर्द, 5 मिनट में ठीक कर देंगे ये 5 आसान घरेलू उपाय

रोजमर्रा की भागदौड़ में कई बार हमारे पैरों और एड़ियों में दर्द की समस्या हो जाती है। इस दर्द के कारण चलना-फिरना मुहाल हो जाता है। ये दर्द कई बार तलवों के आखिरी हिस्से में होता है और कई बार तलवों से ऊपर की तरफ। आमतौर पर ये दर्द सुबह बहुत तेज होता है। एड़ी के दर्द के पीछ कई कारण हो सकते हैं जैसे कोई चोट, नसों में खिंचाव, पैरों में फैक्चर, नसों में चुभन आदि। इसके अलावा आपका मोटापा या गलत जूतों और मोजों का चुनाव भी दर्द की वजह हो सकता है। ये हैं कुछ आसान घरेलू नुस्खे, जिनकी मदद से आप इस तरह के दर्द से राहत पा सकते हैं।
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    बर्फ की सिंकाई

    एड़ियों के दर्द में बर्फ की सिंकाई से राहत पाई जा सकती है। बर्फ की ठंडे प्रभाव से मांसपेशियों में खिंचाव के कारण या नसों पर दबाव के कारण होने वाले दर्द और सूजन दोनों से राहत मिलती है। इसकी सिंकाई के लिए बर्फ के टुकड़ों को किसी प्लास्टिक बैग में या कपड़े में भर लें और फिर इसे दर्द वाली जगह पर रगड़ें। इसके अलावा पानी के बॉटल को फ्रीज करके भी दर्द वाली जगह पर सिंकाई कर सकते हैं। 15 मिनट की सिंकाई इसके लिए पर्याप्त है।
    बर्फ की सिंकाई

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    तेल की मालिश

    दर्द से राहत पाने का सबसे अच्छा तरीका मसाज है। इससे दर्द से तुरंत राहत मिलती है। मसाज करने से मसल्स रिलैक्स होती हैं और ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है। इसके लिए जैतून का तेल, नारियल का तेल, सरसों का तेल आदि लेकर दर्द वाली जगह पर थोड़ा सा लगाएं और फिर मसाज करें। दिन में 3 बार 10-10 मिनट की मसाज करने से दर्द ठीक हो जाएगा और सूजन भी कम हो जाएगी।
    तेल की मालिश

  • 3

    स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज

    स्ट्रेचिंग के द्वारा भी एड़ियों और तलवों के सामान्य दर्द से राहत पाई जा सकती है। इसके लिए नंगे पांव दीवार के पास खड़े हो जाएं। अब दीवार का सहारा लेकर अपने एड़ियों के सहारे खड़े हो जाएं और शरीर के वजन को ऊपर की तरफ खींचें। इसी स्थिति में दीवार को हाथों से धक्का दें और दबाव बनाएं। इस स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज से एड़ियों के दर्द से आपको तुरंत राहत मिलेगी।
    स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज

  • 4

    हल्दी का प्रयोग

    हल्दी को पुराने समय से दर्द निवारक के रूप में जाना जाता है। हल्दी में एक खास तत्व होता है जिसे कर्क्युमिन कहते हैं। ये तत्व दर्द और सूजन से राहत दिलाता है। इसके लिए एक ग्लास दूध में आधा चम्मच हल्दी डालें और इसे 5 मिनट हल्की आंच पर गर्म करें। अब इस दूध में एक चम्मच शहद मिलाएं और इसे पी लें। एड़ी ही नहीं ये दूध शरीर के किसी भी हिस्से के दर्द से राहत दिलाने में कारगर है।
    हल्दी का प्रयोग

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    सेंधा नमक और पानी

    नमक पानी भी एड़ियों और तलवों के दर्द में बहुत कारगर नुस्खा है। इसके लिए किसी बड़े बर्तन में गुनगुना पानी भर लें और इसमें दो चम्मच सेंधा नमक मिला लें। अगर सेंधा नमक नहीं है तो सामान्य नमक भी ले सकते हैं। इस पानी में नमक मिलाने के बाद पैरों को इस पानी में डाल लें और 15-20 मिनट तक पैरों को सीझने दें। सेंधा नमक में मौजूद मैग्नीशियम सल्फेट दर्द और सूजन से आसानी से राहत दिलाता है। 20 मिनट बाद पैरों को सामान्य पानी से धुलकर इसपर मॉश्चराइजर लगा लें।
    सेंधा नमक और पानी

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बच्चों को इस तरह खिलाएं अजवाइन, पेट के सभी रोग होंगे दूर

अजवाइन पाचक, रुचिकारक, तीक्ष्ण, गर्म, चटपटी, कड़वी और पित्तवर्द्धक होती है। पाचक औषधियों में अजवाइन का महत्वपूर्ण स्थान है। इस स्‍लाइड शो के जरिये हम आपको अजवाइन के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
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    अजवाइन के स्वास्थ्य लाभ

    भारतीय खानपान में अजवाइन का प्रयोग सदियों से होता आया है। अजवाइन पाचक, रुचिकारक, तीक्ष्ण, गर्म, चटपटी, कड़वी और पित्तवर्द्धक होती है। पाचक औषधियों में इसका बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। आयुर्वेद के अनुसार अजवाइन पाचन को दुरुस्त रखती है। यह कफ, पेट तथा छाती का दर्द और कृमि रोग में फायदेमंद होती है। साथ ही हिचकी, जी मचलाना, डकार, बदहजमी, मूत्र का रुकना और पथरी आदि बीमारी में भी लाभप्रद होती है।
    अजवाइन के स्वास्थ्य लाभ

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    सर्दी जुकाम में लाभकारी

    बंद नाक या सर्दी जुकाम होने पर अजवाइन को दरदरा कूट कर महीन कपड़े में बांधकर सूंघें। सर्दी में ठंड लगने पर थोड़ी-सी अजावाइन को अच्छी तरह चबाएं और चबाने के बाद पानी के साथ निगल लें। ठंड से राहत मिलेगी।
    सर्दी जुकाम में लाभकारी

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    पी‍रियड्स का दर्द दूर करें

    पीरियड्स में होने वाले दर्द का कम करने के लिए इसका उपयोग अच्‍छा रहता है। 15 से 30 दिनों तक भोजन के बाद या बीच में गुनगुने पानी के साथ अजवायन का सेवन करने से दर्द कम हो जाता है।
    पी‍रियड्स का दर्द दूर करें

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    वजन कम करने में सहायक

    अजवाइन मोटापे कम करने में भी उपयोगी होती है। रात में एक चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह छान कर एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर पीने से लाभ होता है। इसके नियमित सेवन से मोटापा कम होता है।
    वजन कम करने में सहायक

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    गर्भावस्‍था में लाभकारी

    गर्भावस्‍था के दौरान अजवाइन का सेवन करना महिलाओं के लिए फायदेमंदह होता है। इससे न केवल ब्‍लड साफ रहता है बल्कि पूरे शरीर में रक्त के प्रवाह को संचालित भी करता है। डिलिवरी के बाद भी अजावइन का पानी पीना महिलाओं के लिए अच्‍छा रहता है।
    गर्भावस्‍था में लाभकारी

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    पाचन तंत्र के लिए उपयोगी

    पेट में कीड़े हैं तो काले नमक के साथ अजवाइन खाएं। पेट खराब होने पर अजवाइन को चबाकर खाएं और एक कप गर्म पानी पीएं। लीवर की परेशानी है तो 3 ग्राम अजवाइन और आधा ग्राम नमक भोजन के बाद लेने से काफी लाभ होगा। पाचन तंत्र में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर मट्ठे के साथ अजवाइन लें, आराम मिलेगा।
    पाचन तंत्र के लिए उपयोगी

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    मुंह की दुर्गंध दूर भगाए

    मुंह से दुर्गध आने पर थोड़ी सी अजवाइन को पानी में उबाल लें। इस पानी से दिन में दो से तीन बार कुल्ला करने पर मुंह की दुर्गंध समाप्‍त हो जाती है।
    मुंह की दुर्गंध दूर भगाए

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    खांसी में फायदेमंद

    अजवाइन का सेवन करना खांसी में भी बहुत लाभकारी होता है। खांसी होने पर अजवाइन के रस में दो चुटकी काला नमक मिलाकर उसका सेवन करें और उसके बाद गर्म पानी पी लें। इससे आपकी खांसी ठीक हो जाएगी।
    खांसी में फायदेमंद

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    मसूड़ों में सूजन दूर करें

    मसूड़ों में सूजन होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूंदों को गुनगुने पानी में डालकर कुल्ला करने से सूजन कम होती है। अजवाइन से बना मंजन मसूढ़ों से जुड़ी सभी ब‍ीमारियों को दूर करता हैं। इसको बनाने के‍ लिए अजवाइन को भूनकर व पीसकर मंजन बना लें।
    मसूड़ों में सूजन दूर करें

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    गठिया में लाभकारी

    गठिया के दर्द से राहत पाने के लिए अजवाइन के चूर्ण की पोटली बनाकर सेकें। इससे दर्द में आराम पहुंचता है। साथ सरसों के तेल में अजवाइन डाल कर गर्म करें। इससे जोड़ों की मालिश करने पर दर्द से आराम मिलेगा। गठिया रोग को ठीक करने के लिए अजवाइन का रस आधा कप और आधा चम्मच पिसी सोंठ पानी मिलाकर लें।
    गठिया में लाभकारी

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विश्व हास्य दिवस : हंसी और योग की जुगलबंदी है सेहत के लिए कमाल

यदि आप परेशान, दुखी और उदास हैं और अपने जीवन में और अधिक हंसी और खुशी लाना चाहते हैं तो आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हंसी और योग की जुगलबंदी अर्थात लाफ्टर योग बहुत ही अच्‍छा है।
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    हंसी और योग की जुगलबंदी

    सुबह- सुबह अगर आप अपने आस पास के पार्क में देखें तो बहुत से लोग एक पास खडे या बैठे नजर आ ही जायेंगे और बिना किसी बात के ठहाके लगाते दिख जाएंगे। दरअसल, यह तनाव भगाने का एक सबसे अच्‍छा तरीका है जिसे ‘लाफ्टर थेरेपी कहा जाता है। लेकिन जब हंसी के साथ योग को मिला दिया जाता है तो ये बन जाता है 'लाफ्टर योग'। लाफ्टर योग सेहत के लिए बेहद लाभदायक होता है। तो चलिये जाने लाफ्टर योग और इसके लाभ....!
    हंसी और योग की जुगलबंदी

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    लाफ्टर योग

    हंसी और योग को मिलाकर हास्य योग बनता है, जिसमें प्राणायाम (लंबी-लंबी सांसें लेते) के साथ हंसी के अलग-अलग कसरत करना सिखाया जाता है। हास्य योग के तहत जोर-जोर से ठहाके मारकर, बिना किसी वजह, बेबाक हंसने का अभ्यास किया जाता है। लाफ्टर योगा 1995 में भारत में डॉक्टर मदन कटारिया ने शुरू किया था। अपनी रिसर्च में डॉ. कटारिया ने पाया कि ठहाके लगाने से हंसना शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक बेहतरी में मददगार है। डॉ. कटारिया के अनुसार लाफ्टर योग का सिद्धांत एक वैज्ञानिक तथ्य पर आधारित है कि शरीर नकली और असली हंसी में फर्क नहीं कर सकता है। कोई भी एक समान भौतिक व मानसिक लाभ पाता है।
    लाफ्टर योग

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    अच्छा मूड

    चाहे आपका निजी जीवन हो, व्यवसायिक जीवन या फिर सामाजिक जीवन, आप जो कुछ भी करते हैं वह उसमें अहम भूमिका निभाता है आपका 'मूड'। अगर आपका मूड अच्छा है तो आप बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं। लाफ्टर योग आपकी मस्तिष्क कोशिकाओं में एंडोरफिन नामक रसायन उत्पन्न करके कुछ ही मिनटों में आपके मूड को बेहतर कर देता है। इसे करने से आप दिनभर खुश और अच्छे मूड में रहते हैं और वास्तविक हंसी हंस पाते हैं।
    अच्छा मूड

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    स्वास्थ्य लाभ

    लाफ्टर योग इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है जिससे आप न बीमार होने से बच पाते हैं, बल्कि यह आपको उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह, डिप्रेशन, अर्थराइटिस, एलर्जी, ब्रोंकाइटिस, कमरदर्द, फाइब्रोमाइलगिया, माइग्रेन सिरदर्द, मासिक धर्म, अस्थमा संबंधी बिमारियों तथा कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करता है
    स्वास्थ्य लाभ

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    बढ़ता चलन

    चिकित्सकों के अनुसार, भारत में लाफ्टर थेरेपी का आगाज 1995 के आस-पास शुरू हुई इस थेरेपी के देश में अब तक 7,000 से ज्यादा लाफ्टर क्लब और इसके 1 हजार से ज्यादा सदस्य बन चुके हैं। इसी दिशा में हर साल मई के पहले रविवार को ‘वर्ल्ड लाफ्टर डे’ मनाया जाता है
    बढ़ता चलन

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    हंसी के फायदे

    मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि जब कोई हंसता है तो मस्तिष्क के न्यूरो केमिकल्स सक्रिय होकर शरीर को बेहतर अहसास कराते हैं। दरअसल मस्तिष्क का पूरा तंत्रिका तंत्र अनेक रसायन मुक्त करता है जो व्यक्ति के मिजाज, व्यवहार और शरीर को प्रभावित करते हैं। ऐसे में हंसी संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। मांसपेशियों को आराम और मानसिक स्वास्थ्य आदि के लिहाज से इसके अनेक सकारात्मक लाभ होते हैं।
    हंसी के फायदे

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    लाफ्टर थेरेपी व लाफ्टर योग में फर्क

    ‘लाफ्टर थेरेपी’ के अंतर्गत लगभग 2 मिनट तक हंसने की क्रिया में लिप्त रहा जाता है, जबकि ‘लाफ्टर योग थेरेपी’ नियमित अंतराल पर सामान्य श्वास व्यायाम व उत्तेजित हंसी का मिला-जुला रूप होता है। ‘दि डेल्ही लाफ्टर क्लब’ के मुताबिक, इस थेरेपी के लाभ के चलते हाल के वर्षो में इसे काफी लोकप्रियता मिली है। यह थेरेपी रक्तचाप व तनाव को कम कर सकती है और प्रतिरक्षा प्रणाली को सशक्त बनाती है।
    लाफ्टर थेरेपी व लाफ्टर योग में फर्क

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    हास्य योग कैसे करें

    लोगों को हंसना सिखाने में हास्य योग काफी पॉप्युलर हो रहा है। इसमें शरीर के आंतरिक हास्य को बाहर निकालना सिखाया जाता है, जिससे शरीर सेहतमंद होता है। शुरुआत में नकली हंसी के साथ शुरू होने वाली यह क्रिया धीरे-धीरे हमारे व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाती है और हम बिना किसी कोशिश के हंसने लगते हैं।
    हास्य योग कैसे करें

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    क्या कहती हैं रिसर्च

    अमेरिका के फिजियॉलजिस्ट और लाफ्टर रिसर्चर विलियम फ्राइ बताते हैं कि जोरदार हंसी दूसरे इमोशंस के मुकाबले ज्यादा बेहतर फिजिकल एक्सरसाइज साबित होती है। इससे मसल्स एक्टिवेट होते हैं, हार्ट बीट बढ़ती है और ज्यादा ऑक्सिजन मिलने से रेस्पिरेटरी सिस्टम बेहतर बनता है। जरनल ऑफ अमेरिकन मेडिकल असोसिएशन के अनुसार, लाफ्टर योग थेरपी से लंबी बीमारी के मरीजों को काफी फायदा होता है इसलिए अमेरिका, यूरोप और खुद हमारे देश में भी कई अस्पतालों से लेकर जेलों तक में लाफ्टर थेरपी या हास्य योग कराया जाता है।
    क्या कहती हैं रिसर्च

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    कहां जाएं

    जो लोग हास्य योग सीखना चाहते हैं, वे जगह-जगह पार्कों में लगने वाले शिविरों में जाकर इसे सीख सकते हैं। इस प्रकार के ज्यादातर शिविर मुफ्त होते हैं। एक बार सही तरीका सीख लेने के बाद रोजाना घर पर अभ्यास किया जा सकता है। इसके एक सत्र में तकरीबन 15 से 40 मिनट का समय लगता है।
    Image courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
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दांतों की सफाई ही नहीं, आपकी इन 10 परेशानियों में काम आएगा आपका टूथपेस्ट

रोज सुबह आप टूथपेस्ट का इस्तेमाल दांतों को साफ करने के लिए करते हैं। मगर क्या आपको पता है कि आपका टूथपेस्ट दांतों को चमकाने के अलावा भी आपके कई काम आ सकता है। दरअसल टूथपेस्ट में एंटीजर्म्स, एंटीबैक्टीरियल और सूदिंग क्वालिटीज होती हैं, इसलिए ये बड़े काम की चीज है।
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    टूथपेस्ट है बड़े काम का

    टूथपेस्ट से दांत साफ करने के बारे में तो हर कोई जानता है और हर कोई साफ करता भी है। लेकिन क्या जानते हैं कि टूथपेस्ट का इस्तेमाल हम अपने रोजमर्रा के कार्यों में भी कर सकते हैं। आइए इस स्लाइड के जरिये जानें टूथपेस्ट के विभिन्न उपयोगों के बारे में।
    टूथपेस्ट है बड़े काम का

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    मुंहासे दूर भगाएं

    अगर आप मुंहासों की समस्या से परेशान हैं तो टूथपेस्ट आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। टूथपेस्ट में एंटीबैक्टीरियल तत्वों की वजह से त्वचा जल्द ठीक हो जाती है। इसके लिए रात को सोने से पहले मुंहासों पर टूथपेस्ट लगाएं और सुबह उठकर चेहरा धो लें। रात में टूथपेस्ट पिंपल का तेल सोख कर उसे सुखा देता है। लेकिन कई लोगों को टूथपेस्ट से एलर्जी होती है। इसलिए इस नुस्खे को अजमाने से पहले पैच टेस्ट करके जरूर देख लें।
    मुंहासे दूर भगाएं

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    जूते पॉलिश करें

    टूथपेस्ट से आप चमड़े के जूते भी साफ कर सकते हैं। इसके लिए जरा सा टूथपेस्ट लेकर मुलायम कपड़े से जूते पर रगड़ें और फिर साफ कपड़े से रगड़ कर साफ कर दें। इससे आपके जूते पॉलिश की तरह चमचमा जाएंगें।
    जूते पॉलिश करें

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    गहनों को चमकाएं

    अगर आप अपने सोने और चांदी के गहनों को पॉलिश करवाने के लिए ज्वैलर्स के पास जाते है तो आप टूथपेस्ट का इस्तेमाल कर यह काम घर पर भी कर सकती हैं। इसके लिए जरा सा टूथपेस्ट अपने टूथब्रश पर लगाएं और फिर इसे गहनों पर रगड़िए, आपके गहने चमक उठेंगे।
    गहनों को चमकाएं

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    मैनिक्‍योर में उपयोगी

    आप हाथों की सफाई यानि मैनिक्योर को टूथपेस्ट की सहायता से घर पर ही कर सकती हैं। इसके लिए पानी में थोड़ा सा टूथपेस्ट मिलाकर हाथों को डिप कर लें और टूथब्रश की सहायता से हाथों की सफाई करें। इससे हाथों की सफाई के साथ हाथों से बैक्टीरिया भी चले जाएंगे।
    मैनिक्‍योर में उपयोगी

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    दाग-धब्‍बे दूर करें

    कपड़ों से दाग-धब्बों को दूर करने में भी टूथपेस्थ बहुत काम आता है। अगर आपके कपड़ों पर स्याही या टमेटो सॉस का दाग लग गया है तो चिंता न करें। इसके लिए दाग पर बस थोड़ा सा टूथपेस्ट लेकर स्क्रब करें और अच्छे से धो लें।
    दाग-धब्‍बे दूर करें

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    कलर के रंग साफ करें

    बच्चों को अक्सर आदत होती है कि वह अपने कलर से घर की दिवारों पर लिख देते हैं। अगर आपकी घर की दीवार भी बच्चे ने क्रियॉन कलर से लिखकर खराब कर दी है तो उस हिस्से पर टूथपेस्ट लगाएं और रगड़कर साफ कर दें।
    कलर के रंग साफ करें

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    सीडी पर पड़े स्‍क्रैच हटाएं

    सीडी पर स्क्रैच बहुत जल्दी पड़ जाते हैं। अगर आप भी सीडी या डीवीडी पर पड़े स्क्रैच को साफ करना चाहते हैं तो आप टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें। इसके लिए बस थोड़ा सा टूथपेस्ट लेकर रगड़े और एक मुलायम कपड़े की मदद से सीडी को पोछकर स्क्रैच छुड़ा लें।
    सीडी पर पड़े स्‍क्रैच हटाएं

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    जलन से राहत दें

    जलने पर या कीड़े के काटने पर भी टूथपेस्ट बहुत मददगार होता है। इसको लगाने से जलन में तुरंत राहत मिलती हैं। इसके अलावा जलने के निशान भी ठीक हो जाते हैं और दाग भी नहीं पड़ता। इसके लिए आप जले हुए स्थान पर सफेद टूथपेस्ट लगा दीजिये और सूखने दीजिये।
    जलन से राहत दें

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    नाखूनों को चमकदार बनाएं

    टूथपेस्ट दांतों के इनेमल की तरह नाखूनों की भी सुरक्षा करता है। नेलपॉलिश के नियमित इस्तेमाल से नाखून खराब हो जाते हैं। इसलिए अगर आपको स्वस्थ नाखून चाहिए तो टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें। इसके लिए नेल पॉलिश का हटाने के बाद कुछ देर नाखूनों पर टूथपेस्ट लगा लें। इससे नाखून चमकदार होने के साथ स्वस्थ भी बनेंगे।
    नाखूनों को चमकदार बनाएं

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